मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
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सोमवार, 10 जून 2019
बरस जा ऐ बदरी...
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बरस जा ऐ बदरी.. तेरे आने से इस दरख्त को भी जीने की आस जगी है। बरस जा ऐ बदरी फिर से अनंत प्यास जगी है।। पपीहा बन तेरी बूंद को तरस...
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मंगलवार, 28 मार्च 2017
बाल कविता :भारत माँ के वीर सपूत हम
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भारत माँ के वीर सपूत हम, कभी नहीं घबराएंगे! नहीं डरेंगे दुश्मन से, छाती पर गोली खाएंगे! हम साहस से भरे हुए हैं, हर विपदा दूर भगाएंग...
2 टिप्पणियां:
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