मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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रविवार, 22 अक्तूबर 2017
मैं अकेली थी
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जरूरत थी मुझे तुम्हारी पर..... पर तुम नहीं थे! मैं अकेली थी! तुम कहीं नहीं थे! केवल तुम्हारी आरजू थी! तुम्हारी जुस्तजू थी! जो मु...
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