मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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तनहाई
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तनहाई
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शुक्रवार, 30 मार्च 2018
तन्हाई....
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ये सिंदूरी, सुरमई शाम का बहकता आँचल फलक से झरती ये अलमस्त चाँदनी रूह तक पहुँचता एहसास ये रूमानी नदिया की बहती ये नीरव रवानी हौ...
मंगलवार, 27 फ़रवरी 2018
तन्हाई
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तन्हाई...नहीं होती मूक! होती है मुखर , अत्यंत प्रखर! उसकी अपनी भाषा है अपनी बोली है! जन्मती है जिसके भी भीतर ललकार...
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