मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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बुधवार, 8 जनवरी 2020
सुधा की कुंडलियाँ-5
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सुधा की कुंडलियाँ 21:कुनबा छोटा कुनबा है सही, खुश रहते सब लोग। हृदय में कटुता न रहे,बढ़े प्रेम का योग।। बढ़े प्रेम का योग, नहीं छ...
6 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 26 जनवरी 2018
आया बसंत
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आया बसंत, आया बसंत! झनन - झनन बाजे है मन का मृदंग चढ़ गया है सभी पर प्रेम का रस रँग बस में अब चित नहीं बदला है समां- समां स्पर्श ...
रविवार, 20 दिसंबर 2015
कोयल
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कोयल तू चिड़ियों की रानी , चैत मास में आती है। अमराई में रौनक तुझसे, कली - कली मुसकाती है। तेरे आने की आहट से, बहार दौड़ी आती है।l ...
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