मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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शुक्रवार, 18 जनवरी 2019
मर्जी तो मेरी ही चलेगी......
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आज कल वो रोज मिलने लगा है. बेवक्त ही, आकर खड़ा हो जाता है मेरी दहलीज पर. "कहता है- तुम्हारे पास ही रहूँगा. बड़ा लगाव है, बड़ा स...
2 टिप्पणियां:
शनिवार, 24 नवंबर 2018
जी चाहता है...
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जी चाहता है.. फिर से जी लूँ उन लम्हों को बने थे साखी जो हमारे पवित्र प्रेम के, गुजर गए जो बरसों पहले , कर लूँ जी...
शनिवार, 17 नवंबर 2018
एक और वनवास
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~एक नया वनवास~ ढूँढ रही थी अपने पिता की छवि उस घर के सबसे बड़े पुरुष में एक स्त्री को माँ भी समझ लिया था प्रेम की गंगा बह रही थी ह...
बुधवार, 19 सितंबर 2018
मना है...
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न दौड़ना मना है, न उड़ना मना है न गिरना मना है , न चलना मना है! जो बादल घनेरे, करें शक्ति प्रदर्शन तो भयभीत होना, सहमना मना...
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