मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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सोमवार, 23 मार्च 2020
कुछ जीवनोपयोगी दोहे - 5
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25:कर्म : माफी गलती की मिले, जुर्म क्षमा कब होय! पीछे पछताना पड़े,पाप बीज जब बोय!! 26:सद्भावना : आदर सबका कीजिए,रखिए मन सद्भाव! पर...
2 टिप्पणियां:
सोमवार, 29 जनवरी 2018
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कल गिरा जमीं पर मुट्ठी बांध, कल खोल हथेली जाएगा! दो गज धरती के ऊपर से या दो गज जमीन के नीचे ही, तू माटी में मिल जाएगा! माटी ही ...
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