मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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ऋतुराज
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ऋतुराज
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शुक्रवार, 26 जनवरी 2018
आया बसंत
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आया बसंत, आया बसंत! झनन - झनन बाजे है मन का मृदंग चढ़ गया है सभी पर प्रेम का रस रँग बस में अब चित नहीं बदला है समां- समां स्पर्श ...
शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2016
वसन्त
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ऋतु वसंत की छटा निराली, धरती पर फैली हरियाली। पेड़ों पर गाये कोयलिया, कलियों पर तितली मतवाली। मदमस्त पवन गमका उपवन, खुशबू से...
बुधवार, 10 फ़रवरी 2016
वसंत आगमन(हाइकू)
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वसंत आगमन(हाइकू) 1 भोर की गूँज निशा की रवानगी मुर्गे की बाँग 2 भू पर हुआ वसंत आगमन शीत गमन 3 हर तरफ सबके मुख पर मुस्कान ...
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