मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
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बुधवार, 2 सितंबर 2015
अस्तित्व
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अस्तित्व माना, तू पापा का दुलारा है। माँ की आँखों का तारा है। उनका प्यार, उनकी दौलत तेरे साथ है। और तुझे सहारे की दरकार है। क्...
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