मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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Pankhudiya
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शनिवार, 30 मार्च 2019
ग़रीबी - प्रश्न चिह्न
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गरीबी- प्रश्नचिह्न तरसते दो जून की रोटी को धन और साधन की कमी से जूझते मैले- कुचैले चीथड़ों में जीवन के अनमोल स्वप्न सजाते सूखे ...
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रविवार, 24 मार्च 2019
कलम बीमार है..
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न उठना चाहती है, न चलना चाहती है. स्वयं में सिमट कर रह गई मेरी कलम आजकल बीमार रहती है. आक्रोशित हो जब लिखती है अपने मन की तो चम...
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शनिवार, 9 मार्च 2019
8 मार्च
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8 मार्च 8 मार्च ये कोई तारीख है या स्त्री के जख्मों पर साल दर साल बड़े प्रेम से छिड़का जाने वाला नमक.. ये 8 मार्च आखिर आता क्...
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गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019
ललकार रहा है हिंदुस्तान...
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ललकार रहा है हिंदुस्तान ललकार रहा है हिन्दुस्तान सुधर जा ओ अब पाकिस्तान! मारो, काटो, आतंक करो... ऐ दहशत गर्दों शर्म करो... क्या इ...
8 टिप्पणियां:
बुधवार, 6 फ़रवरी 2019
धुंँधले अल्फाज़..
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छूटा कुछ भी नहीं है । जिन्दगी के हर सफ़हे को बड़ी इत्मीनान से पढ़ा है मैंने। मटमैली जिल्द चढ़ी वह किताब बिलकुल सही पते पर आई थी। ...
17 टिप्पणियां:
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