मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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सबरंग क्षितिज :विधा संगम
Pankhudiya
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मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
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शनिवार, 24 नवंबर 2018
जी चाहता है...
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जी चाहता है.. फिर से जी लूँ उन लम्हों को बने थे साखी जो हमारे पवित्र प्रेम के, गुजर गए जो बरसों पहले , कर लूँ जी...
मंगलवार, 20 नवंबर 2018
कुछ द्वीपदियाँ
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कुछ द्वीपदियाँ 1 : फितरत छीन लूँ हक किसी का, ऐसी फितरत नहीं. आईना जब भी देखा, खुशी ही हुई.** 2: नियति नियत तो अच्छी थी, पर ...
शनिवार, 17 नवंबर 2018
एक और वनवास
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~एक नया वनवास~ ढूँढ रही थी अपने पिता की छवि उस घर के सबसे बड़े पुरुष में एक स्त्री को माँ भी समझ लिया था प्रेम की गंगा बह रही थी ह...
सोमवार, 5 नवंबर 2018
मेरी प्रेयसी.... 💖हाइकू
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मेरी प्रेयसी... 💖 हाइकू 1: मन मंदिर प्रेयसी का हमारी प्रेम अमर 2: उजला रंग सुन्दर चितवन छेड़े तरंग 3: अपनापन गोरी तू जताती...
गुरुवार, 11 अक्तूबर 2018
ढल जा ऐ रात....
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ढल जा ऐ रात... मुझे सूरज को मनाना है बहुत दिन हुए न जाने क्यूँ... मुझसे रूठा हुआ है...
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