मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
IBlogger interview
(यहां ले जाएं ...)
Home
सबरंग क्षितिज :विधा संगम
Pankhudiya
IBlogger interview
मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
▼
गुरुवार, 20 सितंबर 2018
कान्हा.... ओ कान्हा..
›
तेरे काँधे पर सिर रखके सुकूं पाती हूँ. कान्हा, तुझमें इतनी कशिश क्यों है????
बुधवार, 19 सितंबर 2018
मना है...
›
न दौड़ना मना है, न उड़ना मना है न गिरना मना है , न चलना मना है! जो बादल घनेरे, करें शक्ति प्रदर्शन तो भयभीत होना, सहमना मना...
शनिवार, 1 सितंबर 2018
प्यारी मैं....
›
प्यारी मैं, मेरी प्यारी प्यारी... मैं.... अरे.!अरे... !मुझे पता है तुम क्या सोच रही हो? तुम सोच रही हो .. कि आज मुझे क्या हो ग...
गुरुवार, 30 अगस्त 2018
कहना तो था पर..
›
कहना तो था पर कभी कह न पाई!!! सोचकर ये कि, पड़ोसी क्या कहेंगे... समाज क्या कहेगा.... दुनिया क्या कहेगी.... मैं कुछ कह न पाई!!!! ...
शनिवार, 4 अगस्त 2018
अन्तरद्वन्द्व
›
अंतरद्वन्द्व मेरी पेशानी , लंबी लकीरों से सजाते, वक्त से पहले ही, जो मुझे बूढ़ा बनाते, मेरे भीतर , ईर्ष्या - द्वेष जगाते, मुझे अक...
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें