मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
IBlogger interview
(यहां ले जाएं ...)
Home
सबरंग क्षितिज :विधा संगम
Pankhudiya
IBlogger interview
मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
▼
सोमवार, 28 मई 2018
Quote - लम्हें जिन्दगी के
›
माँ भारती
›
1:गरिमा गान माँ भारती महान हमारी शान 2:खूबसूरत जननी जन्म भूमि तेरी मूरत 3:सारे जहाँ में सदा झंडा लहरे तेरी शान ...
शनिवार, 19 मई 2018
संभल जाओ..
›
वत्स,आज तुम फिर आ गए मेरे पास विनाश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने. अपने ही हाथों से अपना सर्व नाश कराने. कब समझोगे मेरे ही अस्तित्व में ...
4 टिप्पणियां:
गुरुवार, 17 मई 2018
विलुप्त की खोज
›
संवेदनाओं के भँवर में तैरते - तैरते जाना मैंने कि मूरख हूँ मैं. समझदारों की इस भीड़ में इंसानों की खोज में हूँ मैं. हाँ! इंसान की ,...
रविवार, 13 मई 2018
प्यारी माँ
›
अदृश्य सी वह शक्ति जो सदैव मेरे साथ है पता है मुझे माँ, कि वह तेरा ही आशीर्वाद है तेरा प्यार,तेरी ममता, तेरा स्नेह माँ न...
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें