मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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Pankhudiya
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मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
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शुक्रवार, 30 मार्च 2018
तन्हाई....
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ये सिंदूरी, सुरमई शाम का बहकता आँचल फलक से झरती ये अलमस्त चाँदनी रूह तक पहुँचता एहसास ये रूमानी नदिया की बहती ये नीरव रवानी हौ...
शनिवार, 24 मार्च 2018
बेवफा मोहब्बत
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न मालूम था कि तुम भी निकलोगे उन जैसे ही .. खोल दी थी अपने दिल की किताब मैंने तुम्हारे सामने उसके हर सफहे पर लिखी हर बात को गौर से प...
रविवार, 18 मार्च 2018
माना पतझड़ का मौसम है.
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घनघोर तिमिर आतंक करे वायु भी वेग प्रचंड करे हो सघन बादलों का फेरा या अति वृष्टि का हो घेरा तू हृदय घट में भरले उजास मत पीछे हट, त...
बुधवार, 7 मार्च 2018
परिक्रमा
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परिक्रमा कौन नहीं करता परिक्रमा? सब करते हैं और जरूरी भी है परिक्रमा परंतु अपनी ही धुरी से जैसे चांद करता है धरती की परिक्रमा. ...
सोमवार, 5 मार्च 2018
चलो आओ मौसम सुहाना हुआ है...... प्रेम गीत
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धुन: तुम्हें प्यार करते हैं, करते रहेंगे। कि दिल बनके दिल में....... चलो आओ मौसम सुहाना हुआ है, ये दिल भी मेरा आशिकाना हुआ है। छा...
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