मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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Pankhudiya
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मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
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रविवार, 21 मई 2017
मुझे मेरा बचपन पुनः चाहिए!
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मुझे मेरा बचपन पुनः चाहिए, पाने फिर इनको कहाँ जाइये? वो पेड़ो पर चढ़ना, गिलहरी पकड़ना, अमिया की डाली पर झूले लगाना, वो पेंगें मारके ...
सोमवार, 15 मई 2017
व्यस्त हूँ मैं
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व्यस्त हूँ मैं.. क्योंकि मेरे पास कोई काम नहीं है, इसलिए व्यस्त हूँ मैं... काम की खोज में हूँ! रोजगार की तलाश में हूँ! रोज दर - दर ...
शनिवार, 13 मई 2017
माँ
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माँ माँ ऐसा कुछ नहीं, जो तेरी ममता के समतुल्य है! मुझपर तेरा प्रेम, तेरा कर्ज अतुल्य है! धूप में सदा तू छाँह की तरह रही , पापा की...
बुधवार, 10 मई 2017
'भावों की गरिमा '
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'भावों की गरिमा ' भावों की क्या बात करें भावों की अपनी हस्ती है भावो के रंग भी अगणित हैं इससे ही दुनिया सजती है मूल्य...
रविवार, 7 मई 2017
मुझे ऐसा हिंदुस्तान चाहिए!
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मुझे ऐसा हिंदुस्तान चाहिए! मुझे एक खुला और उन्मुक्त आसमान चाहिए! बिके जहाँ आशा का सूरज, ऐसी एक दुकान चाहिए! (1) संवेदनाए अभी बाकी ह...
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