मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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Pankhudiya
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मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
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शनिवार, 31 दिसंबर 2016
जिंदगी-तेरी आजमाइश अभी बाकी है!
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जिन्दगी ... तेरी आजमाइश अभी बाकी है, मेरे ख्वाब अभी मुकम्मल कहाँ हुए? मेरी फरमाइशें अभी बाकी है । कई ख्वाहिशें अभी बाकी हैं। म...
गुरुवार, 29 दिसंबर 2016
माना कि मंजिल दूर है....
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माना कि मंजिल दूर है, पर ये भी तो मशहूर है..... मजबूत इरादे हो अगर, पाषाण भी पिघला करते है। दृढ निश्चय कर ले इंसाँ तो, तूफ़ान भी ...
शनिवार, 17 दिसंबर 2016
ये झुर्रियाँ..।
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ये झुर्रियाँ..। ये झुर्रियाँ मामूली नहीं, ये निशानी है अनुभवों की। इन्हें अपमान न समझो कोने में पड़ा कूड़ा नहीं ये, इन्हें घर का मा...
सोमवार, 5 दिसंबर 2016
यदा- कदा....
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1: पास होकर भी , तेरे पास होने का, अहसास नही होता। न् जाने ये कैसी दूरी है , हम दोनों के दरमियाँ। 2: दिल तोड़ना और साथ छोड़ना तो ज़म...
शुक्रवार, 4 नवंबर 2016
सूरज फिर निकलेगा ,फिर चमकेगा।
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संध्या चाहे कितनी भयावह क्यों न् हो। सूरज फिर निकलेगा ,फिर चमकेगा। संध्या तो संध्या है जब् भी आती है अपने साथ काली स्याह रातों का ...
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