मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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सबरंग क्षितिज :विधा संगम
Pankhudiya
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मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
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मंगलवार, 22 मार्च 2016
होली
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रंगों का त्योहार है होली, खुशियाँ लेकर आता है। हर एक घर ,हर गली, मोहल्ला, रंगों से भर जाता है। मस्ती में सब झूमते रहते, भंग का र...
शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2016
वसन्त
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ऋतु वसंत की छटा निराली, धरती पर फैली हरियाली। पेड़ों पर गाये कोयलिया, कलियों पर तितली मतवाली। मदमस्त पवन गमका उपवन, खुशबू से...
बुधवार, 10 फ़रवरी 2016
वसंत आगमन(हाइकू)
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वसंत आगमन(हाइकू) 1 भोर की गूँज निशा की रवानगी मुर्गे की बाँग 2 भू पर हुआ वसंत आगमन शीत गमन 3 हर तरफ सबके मुख पर मुस्कान ...
शनिवार, 2 जनवरी 2016
उम्र अभी कच्ची है मेरी ,
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बाल श्रम रंगीन किताबें बस्तों की, मुझे अपनी ओर खिंचती हैं मेरा रोम - रोम आहें भरता , और रूह मेरी सिसकती है। अपनी बेटी की झलक त...
शुक्रवार, 1 जनवरी 2016
फिर एक जीवन बर्बाद हुआ
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सुनसान अँधेरी गलियों में, उस मैले - कुचैले चिथड़े पर वह दीन - अभागा सोता है। माँ के आँचल का अमृत, वो क्या जाने क्या होता है । माँ क...
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