मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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Pankhudiya
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मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
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मंगलवार, 17 नवंबर 2015
तकदीर
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कैसी तेरी कलम थी ,कैसी तेरी लिखावट! पन्ना भी चुना रद्दी,स्याही में थी मिलावट! अक्षर हैं बड़े भद्दे ,न है कोई सजावट! धरती बनाई ऐसी ,कि ह...
रविवार, 15 नवंबर 2015
इंतज़ार
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अपने ज़ज़्बातों का इजहार करुं किससे! कौन है वह ,कहाँ है वह, अपना कहूँ किसे! वो आसपास कहीँ नजर आता नहीं। उसका पता भी कोई बतलाता न...
शनिवार, 24 अक्तूबर 2015
उस घडी का इंतजार मुझे अब भी है। (एक प्रतीकात्मक कविता)
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उस घडी का इंतजार मुझे अब भी है। चाहत तो ऊँची उड़ान भरने की थी। पर पंखों में जान ही कहाँ थी! उस कुकुर ने मेरे कोमल डैने जो तोड़ दिए थे।...
शनिवार, 19 सितंबर 2015
सेल्फ़ी के साइड इफ़ेक्ट
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आया है जमाना सेल्फी का , और लोग स्वयं में मस्त है। ऐसा क्रेज कभी न देखा, ये क्रेज बड़ा जबरदस्त है। बच्चे का जब जनम हुआ , तब डॉक्टर...
शुक्रवार, 18 सितंबर 2015
मेघा रे।।
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कृषकों के दृग हैं अम्बर पर, आ जाओ अब मेघा रे। तपन करो अब दूर धरा की, ऐसे बरसो मेघा रे। दूर देश की छोड़ यात्रा, दे दो दर्शन अपना ...
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