मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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Pankhudiya
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मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
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सोमवार, 31 अगस्त 2015
दिल की किताब
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बहुत दिनों बाद दिल की किताब खुली है । पर इस पर थोड़ी सी धूल जमी है, कुछ दूषित नजरों के साये है , कुछ अपनों के है कुछ पराये हैं, इन्ह...
रविवार, 30 अगस्त 2015
हो अग्रसर
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हो अग्रसर ,तू अग्रसर हो अपने पथ पे अग्रसर। सैलाब से हो 'गर' सामना , या कांटो भरी, तेरी हो डगर। हो अग्रसर, तू अग्रसर।। जीना ...
शुक्रवार, 28 अगस्त 2015
गुज़ारिश
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मत खेल कभी जज़्बातों से, मत रूह किसी की छलनी कर। तेरी हस्ती मिट जायेगी, बन्दा उसका चोटिल हो गर। मासूम की आँखों से अश्रु, गर बिना बा...
मंगलवार, 25 अगस्त 2015
वह 'नर' ही 'नर' कहलाता है
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जो पीर पराई समझ सके, संग ईश्वर उसके रहता है। निज स्वार्थ त्याग कर जो अपना, दूजे का दर्द समझता है। है मानस वह बड़ा महान, जो परहित सदा सो...
शुक्रवार, 21 अगस्त 2015
हर क्षण जीती हूँ मैं।
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हर क्षण जीती हूँ मैं। ज़र्रा ज़र्रा बिखरती हूँ मैं, ज़र्रा ज़र्रा सिमटती हूँ मैं, न जानू मैं , कैसी कसक है ये ! न जानू मैं , कैसा य...
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